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चेरी टमाटर

जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

टमाटर के भाव में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। टमाटर के एक थोक विक्रेता ने बताया है, कि बारिश एवं ओलावृष्टि की वजह से टमाटर की लगभग 50% प्रतिशत फसल चौपट हो गई। इससे आकस्मिक तौर पर बाजार में टमाटर की अवक में गिरावट आ गई, जिससे कीमतों में इजाफा होने लगा है। महाराष्ट्र राज्य में टमाटर की कीमतों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। विगत एक सप्ताह के भीतर कीमत में 100% फीसद का इजाफा हुआ है। इससे आम जनता की रसोई का बजट प्रभावित हो गया है। परंतु, टमाटर की खेती करने वाले उत्पादकों के चेहरे पर मुस्कराहट आई है। कृषकों को यह आशा है, कि यदि इसी प्रकार से टमाटर के भावों में इजाफा होता रहा, तो वह थोड़ी-बहुत हानि की भरपाई कर सकते हैं। विगत माह महाराष्ट्र के टमाटर उत्पादक भाव में कमी आने के चलते लागत तक भी नहीं निकाल पा रहे थे। मंडियों के व्यापारी उनसे 2 से 3 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे थे। परंतु, फिलहाल उनको टमाटर का अच्छा-खासा भाव अर्जित हो रहा है।

टमाटर की कीमत 30 से 60 रूपए प्रतिकिलो हो चुकी है

मीडिया एजेंसियों के अनुसार, महाराष्ट्र में टमाटर का खुदरा भाव 30 रुपये से बढ़ कर 50 से 60 रुपये प्रति किलो हो चुका है। अंधेरी, नवी मुंबई, मंबुई एवं ठाणे समेत विभिन्न शहरों में रिटेल बाजार में टमाटर 50 से 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से विक्रय किए जा रहे हैं। साथ ही, एपीएमसी वाशी के निदेशक संजय पिंगले ने बताया है, कि टमाटर की आवक में गिरावट आने के चलते भाव में इजाफा हुआ है।  कुछ महीने पहले मांग के मुकाबले टमाटर का उत्पादन काफी अधिक था। इस वजह से टमाटर का भाव धड़ाम से गिर गया था। तब खुदरा बाजार में टमाटर 20 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे जा रहे थे। संजय पिंगले के अनुसार, जब टमाटर की आवक बढ़ेगी तब ही कीमतों में सुधार हो सकता है। हालांकि, अभी कुछ दिनों तक टमाटर की कीमत यथावत ही रहेगी। यह भी पढ़ें: भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

थोक व्यापारी इतने रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं

वाशी के थोक व्यापारी मंगल गुप्ता ने बताया है, कि वर्षा और ओलावृष्टि की वजह से टमाटर की लगभग 50 प्रतिशत फसल चौपट हो चुकी है। इसकी वजह से अचानक बाजार में टमाटर की आवक में गिरावट आई है। नतीजतन भाव बढ़ने लगा। फिलहाल, थोक व्यापारी 16 से 22 रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं। यही वजह है, जो इसका खुदरा भाव 60 रुपए किलो पर पहुँच गया है। मंगल गुप्ता के मुताबिक, मौसम अगर ठीक रहा तो कुछ ही हफ्तों के अंदर कीमत में गिरावट आ सकती है।

इन जगहों पर टमाटर की कीमतें हुई महंगी

साथ ही, पुणे के एक व्यवसायी ने बताया है, कि पहले रिटेल बाजार में टमाटर का भाव 10 से 20 रुपये प्रति किलो था। परंतु, दो माह के अंदर ही टमाटर कई गुना महंगा हो गया। बतादें, कि टमाटर की कीमतें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व महाराष्ट्र के साथ-साथ गाजियाबाद एवं नोएडा में भी बढ़ी हैं। जो टमाटर यहां पर एक सप्ताह पूर्व 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। वर्तमान में उसकी कीमत 30 रुपये प्रति किलो पर पहुँच गई है।
सर्दियों में घर पर ही उगाएं बिना केमिकल का इस्तेमाल किए ऑर्गेनिक सब्जियां

सर्दियों में घर पर ही उगाएं बिना केमिकल का इस्तेमाल किए ऑर्गेनिक सब्जियां

सर्दियों का मौसम रंग-बिरंगी, हरी पत्तेदार, स्वादिष्ट और ताजा सब्जियों का मौसम होता है। इन दिनों की एक और खास बात यह है, कि इन दिनों में सब्जियां जल्दी खराब भी नहीं होती हैं। इन दिनों मेथी, पालक, धनिया, सरसों के साग से लेकर गाजर, मूली, बीन्स, मटर, शकरकंद, चेरी टमाटर, ब्रोकली और हरी प्याज खूब पसंद की जाती है। सब्जियां खरीदने के लिए जब भी हम बाजार जाते हैं, तो हमारे दिमाग में एक चीज जरूर आती है। वह यह कि हम कहीं इन सब्जियों का उत्पादन केमिकल आदि डालकर तो नहीं किया गया है। ऐसे में हम उन सब्जियों को पकाने में जरा परहेज करते हैं। आज हम आपको बताएंगे, कि अपने घर की छोटी सी बालकनी या फिर किचन गार्डन में आप कौन-कौन सी सब्जियां उगा सकते हैं और वह भी एक दम बिना किसी केमिकल का इस्तेमाल किए।

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चेरी टमाटर

टमाटर एक ऐसी सब्जी है, जो लगभग बाकी सभी सब्जियों में डाली जाती है, टमाटर डालते ही सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है। टमाटर की सब्जी को लगभग हर मौसम में उगाया जा सकता है और इसका उत्पादन आसानी से हो जाता है। लेकिन सर्दियों में इसे उगाना और भी आसान है। बाजार में भी टमाटर की बहुत मांग है। इसे अपने घर की छत, गार्डन या बालकनी में उगा सकते हैं। आप चाहें तो इसका बना-बनाया प्लांट ऑर्डर कर सकते हैं या फिर बीज समेत अपने गार्डन में ताजा टमाटर उगाएं। सर्दियों में लाल टमाटर सूप और सैलेड के तौर पर खूब इस्तेमाल होता है। इसके अलावा अगर आप पारंपरिक टमाटर की खेती नहीं करना चाहते हैं, तो आप अपनी बालकनी गार्डन में चेरी टमाटर याने की छोटे-छोटे दिखने वाले टमाटर का उत्पादन भी कर सकते हैं। यह टमाटर सूप आदि के लिए भी अच्छा रहता है और अगर आप इसका इस्तेमाल सब्जी में करते हैं, तो यह सब्जी का स्वाद काफी बढ़ा देता है।

प्याज

भारतीय घरों में शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। प्याज के बिना सब्जियों में स्वाद लाना जरा मुश्किल हो जाता है। इसकी खेती या गार्डनिंग करने के लिए सर्दियों का समय उचित रहता है। आप चाहें तो मिट्टी, कंपोस्ट, खाद, कोकोपीट डालकर गमले में प्याज का बल्ब लगा सकते हैं। यदि किचन में प्याज की जड़ पड़ी हैं, तो आप सीधा पानी का एक जार तैयार करके भी हरी प्याज का उत्पादन ले सकते हैं। ये किचन में इस्तेमाल होने वाली सबसे सामान्य सब्जी है, जो अब घर बैठे पर कम मेहनत में आपको ताजा मिल जाएगी। सर्दियों में इसकी ग्रोथ भी अच्छी होती है, इसलिए अपनी किचन गार्डन में ये सदाबहार सब्जी जरूर लगाएं।

गाजर-मूली

गाजर का हलवा खाना चाहते हो या फिर मूली के पराठे दोनों के लिए ही गाजर और मूली होना बेहद जरूरी है। आजकल बाजार में गाजर और मूली में सबसे ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब इन्हें आप घर पर ही उगा सकते हैं, ठंड और शीतलहर के मध्य इन सब्जियों की तेजी से ग्रोथ होती है। इन्हें घर पर उगाने के लिए गमले की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बेकार पड़ी बाल्टी या टब में भी इन जड़ वाली सब्जियों को उगा सकते हैं। एक बार बुवाई के बाद ही ये सब्जियां 40 से 60 दिन के अंदर अच्छा-खासा उत्पादन देने लगती हैं।

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हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी सब्जियों को घर पर उगाना सबसे ज्यादा आसान होता है। इनमें आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है और एक बार बीज डालने के बाद यह सब्जियां अपने आप ही उग जाती हैं। पालक, मेथी, धनिया, सरसों का साग जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां ही सर्दियों की शान हैं। जाने कितने व्यंजन इन सब्जियों से पूरी सर्दियों में बनते हैं। पते की बात तो ये है, कि सबसे ज्यादा आयरन और न्यूट्रिएंट्स इन्हीं पत्तेदार सब्जियों में होते हैं। इसलिए फटाफट इनके सीड्स ऑइनलाइन मार्केट या किसी नर्सरी से मंगवाकर गार्डनिंग चालू कर दीजिए। आप चाहें तो इन देसी पत्तेदार सब्जियों के अलावा विदेश की स्विस चार्ड, रोलाई, केल, एशियाई साग भी उगा सकते हैं।

बीन्स-मटर

हालांकि बींस और मटर की खेती करना जरा सा मुश्किल होता है। लेकिन फिर भी आप इसकी दो अलग-अलग वैरायटी बेलदार और झाड़ीदार में से किसी एक का चुनाव करके अपने घर में जगह के अनुसार उत्पादन शुरू कर सकते हैं। इन्हें कम दाम में घर पर ही उगा सकते हैं, इस काम के लिए दिसंबर से लेकर फरवरी सबसे अच्छा समय होता है।
घर पर इस तरीके से उगायें चेरी टमाटर, होगा जबरदस्त मुनाफा

घर पर इस तरीके से उगायें चेरी टमाटर, होगा जबरदस्त मुनाफा

भारत में इन दिनों खेती किसानी में लगातार नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। जिससे देश में विदेशी फसलों की खेती भी बेहद आसानी से होने लगी है। अब किसान इन विदेशी फसलों का उत्पादन करके फसल को बाजार में आसानी से बेंच सकते हैं। भारत के बाजार में देखा गया है कि यहां विदेशी फसलों की उपलब्धता कम होती है, ऐसे में  किसानों को बाजार में उन फसलों का मनचाहा दाम मिलता है। जिससे देश के किसान नई तकनीक के द्वारा विदेशी फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं चेरी टमाटर की खेती के बारे में। यह फसल पिछले कुछ सालों से भारतीय किसानों के बीच मशहूर हो रही है। इसे आप अपने बगीचे में भी उगा सकते हैं। चेरी टमाटर की बाजार में कई किस्में उपलब्ध हैं। इनमें काली चेरी ,चेरी रोमा, टोमेटो टो, कर्रेंट और येलो पियर प्रमुख हैं।

किचन गार्डन में इस तरह से उगायें चेरी टमाटर

चेरी टमाटर को आप अपने किचन गार्डन में आसानी से उगा सकते हैं। इसके लिए आप मिट्टी के बर्तनों या गमलों का उपयोग कर सकते हैं। गमलों को तैयार करने के लिए उनकी निचली सतह पर रेत डालें। इसके बाद उसे मिट्टी से भर दें। मिट्टी के साथ वर्मी कंपोस्ट को भी डाल सकते हैं। चेरी टमाटर की बुवाई बीजों के माध्यम से होती है। जिन्हें आप अपने नजदीकी नर्सरी या कृषि बीज भंडार से खरीद सकते हैं। बीजों की गमले में बुवाई कर दें और इसके बाद उनमें समय-समय पर पानी देते रहें। ये भी पढ़े: टमाटर की खेती में हो सकती है लाखों की कमाई : जानें उन्नत किस्में चेरी टमाटर के पौधे को गर्मियों में ज्यादा तो सर्दियों में कम पानी की जरूरत होती है। इसके पौधों को बीमारियों से ज्यादा खतरा रहता है। चेरी टमाटर के पौधों में ज्यादातर फंगल इंफेक्शन का खतरा होता है। इससे बचने के लिए गमले की मिट्टी में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड के घोल का छिड़काव किया जा सकता है। यह छिड़काव महीने में ज्यादा से ज्यादा 2 बार कर सकते हैं।

जल्द ही मिलने लगता है उत्पादन

बुवाई के 2 माह के भीतर चेरी टमाटर का पौधा फल देने लगता है। इसका उपयोग सब्जी के साथ-साथ दवाई के रूप में भी किया जाता है। चेरी टमाटर का उपयोग कब्ज की बीमारी में किया जाता है। साथ ही इसका उपयोग कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में भी किया जाता है। चेरी टमाटर के उपयोग से वजन कम करने में और गठिया रोग को खत्म करने में भी मदद मिलती है।